दुबई गुरुद्वारे में इंटरफेथ इफ्तार: 275+ धर्मों के लोगों ने शाकाहारी भोजन के साथ दिया सद्भाव का संदेश!

दुबई गुरुद्वारे में इंटरफेथ इफ्तार: 275+ धर्मों के लोगों ने शाकाहारी भोजन के साथ दिया सद्भाव का संदेश!: दुबई में गुरुद्वारे का अनूठा इंटरफेथ इफ्तार: शाकाहारी भोजन और सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल!
दुबई: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक विविधता ने एक बार फिर दुनिया को हैरान कर दिया है। दुबई के प्रसिद्ध गुरु नानक दरबार गुरुद्वारे में आयोजित इंटरफेथ इफ्तार में 275 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और यहूदी समुदाय के लोग शामिल थे। यह आयोजन सिर्फ रोजा इफ्तार नहीं, बल्कि शांति, प्रेम और इंसानियत का संदेश देने का मंच बना।
इफ्तार की खास बातें: जूते उतारकर और सिर ढककर की शुरुआत
- शाकाहारी मेन्यू: मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदुओं के प्रति सम्मान जताते हुए नॉन-वेज से परहेज किया।
- सांप्रदायिक एकता: सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने एक साथ बैठकर भोजन किया।
- यूएई का ‘कम्युनिटी ईयर’: इस साल को ‘सामुदायिक एकता का वर्ष’ घोषित किया गया है।
आयोजन का उद्देश्य:
गुरुद्वारे के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह कंधारी ने बताया, “यह इफ्तार यूएई की बहुलवादी संस्कृति को दर्शाता है। हम चाहते हैं कि दुनिया भाईचारे का संदेश ले।”
मुख्य अतिथि और प्रतिक्रियाएं
व्यक्ति | पद | प्रतिक्रिया |
---|---|---|
मिर्ज़ा अल सायेघ | पूर्व यूएई राजनयिक | “सभी धर्म शांति की बात करते हैं। यह आयोजन यूएई-भारत रिश्तों को मजबूत करता है।” |
सतीश कुमार सिवन | भारतीय कौंसुल जनरल, दुबई | “गुरुद्वारे की यह पहल सहिष्णुता और समावेशिता को बढ़ावा देती है।” |
स्टीवन एरिक्सन | अमेरिकी नागरिक (अबू धाबी) | “यहां आकर एहसास होता है कि इंसानियत धर्म से ऊपर है।” |
गुरुद्वारे की समाज सेवा: तीन वक्त का लंगर और बिना भेदभाव
गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सामुदायिक सेवा का केंद्र है:
- लंगर सेवा: रोजाना 5,000+ लोगों को मुफ्त भोजन।
- मेडिकल कैंप: मजदूरों के लिए निशुल्क स्वास्थ्य जांच।
- शिक्षा इंटरफेथ: बच्चों को विभिन्न धर्मों की मूलभूत शिक्षा।
क्यों खास है यह इफ्तार?
- 40% गैर-सिख प्रतिभागी: अरब, भारतीय, यूरोपीय और अफ्रीकी मूल के लोगों ने हिस्सा लिया।
- धार्मिक प्रतीकों का सम्मान: सभी ने गुरुद्वारे में प्रवेश से पहले जूते उतारे और सिर ढका।
- यूएई की नीति: देश ने 2022 में ‘मंदिर-मस्जिद एकता’ प्रोजेक्ट लॉन्च किया था।
इफ्तार के आंकड़े
पैरामीटर | आंकड़े |
---|---|
कुल प्रतिभागी | 275+ |
धर्मों की संख्या | 8+ |
शाकाहारी व्यंजन | 15+ |
आयोजन की अवधि | 2 घंटे |
अंतिम अपडेट:
यह इफ्तार लगातार छठे साल आयोजित किया गया। गुरुद्वारा प्रशासन ने घोषणा की कि ऐसे कार्यक्रम अगले साल भी जारी रहेंगे।
स्रोत: गुरु नानक दरबार प्रेस विज्ञप्ति, यूएई सरकारी डेटा, भारतीय दूतावास।
क्या आपको लगता है ऐसे आयोजनों से सामाजिक एकता मजबूत होती है? कमेंट में बताएं! 🌍🕊️